5 Essential Elements For Shodashi

Wiki Article



चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं

चक्रेश्या प्रकतेड्यया त्रिपुरया त्रैलोक्य-सम्मोहनं

सच्चिद्ब्रह्मस्वरूपां सकलगुणयुतां निर्गुणां निर्विकारां

The Chandi Route, an integral Component of worship and spiritual follow, Primarily through Navaratri, isn't basically a text but a journey in alone. Its recitation is a strong Device inside the seeker's arsenal, aiding inside the navigation from ignorance to enlightenment.

क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥

चक्रेऽन्तर्दश-कोणकेऽति-विमले नाम्ना च रक्षा-करे ।

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण check here भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

She may be the possessor of all great and great factors, such as physical merchandise, for she teaches us to possess without having currently being possessed. It is said that dazzling jewels lie at her ft which fell with the crowns of Brahma and Vishnu whenever they bow in reverence to her.

दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

हंसोऽहंमन्त्रराज्ञी हरिहयवरदा हादिमन्त्रार्थरूपा ।

Disregarding all warning, she went towards the ceremony and found her father had begun the ceremony with out her.

॥ ॐ क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं श्रीं ॥

पञ्चब्रह्ममयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥५॥

Report this wiki page